Not known Details About best hindi story
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एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।
विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया। वह किसी को काटना नहीं था।
यह इंसान के शरीर में दिल के धड़कने और उसके जीवित रहे आने की कहानी है.
मोरल – विषम परिस्थितियों में भी अपने स्वभाव को नहीं बदलना चाहिए।
मोरल – लक्ष्य कितना भी बड़ा हो निरंतर संघर्ष करने से अवश्य प्राप्त होता है।
इमेज कैप्शन, अमरकांत ने 'ज़िंदगी और जोंक', 'डिप्टी-कलक्टरी' और 'बू' जैसी यादगार कहानियाँ लिखी हैं.
कुछ दूर जा कर बैलों ने गोबर कर दिया। शिष्यों ने बैलगाड़ी रोकी और गोबर उठा कर गुरूजी के बगल में रख दिया। जब गुरूजी की नींद टूटी तो उन्हें अपने शिष्यों की मूर्खता पर बहुत गुस्सा आया। इस बार उन्होंने सोने से पहले कागज़ पर एक सूची बनायी जिसमे किस सामन को उठाने के लिए रुकना है और किस सामान के लिए नहीं रुकना है, यह लिखा था।
आंचलिक भाषा के आधुनिक कथा-स्थापत्य में संयोजन और प्रयोग ने इस कहानी को विरल होने का दर्जा दिया है.
चिंटू का पैर फिसल जाता है, वह एक गड्ढे में गिर जाता है।
शांति ने ऊब कर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क
एक राजा और उसका मंत्री बहुत अच्छे मित्र थे। वे हमेशा साथ रहते थे। उनकी तरह, उनके बेटे भी एक साथ बड़े हुए और बहुत करीबी दोस्त बने । एक दिन दोनों शिकार पर गए। रास्ते में उन्हें बहुत प्यास लगी और वे थक गए इसलिए उन्होंने एक पेड़ के नीचे आराम करने का फैसला किया। मंत्री का बेटा पानी की तलाश में गहरे जंगल में चला गया। read more एक झरने के पास पहुँचकर उसने एक सुंदर परी को देखा। लेकिन परी के पास एक शेर बैठा था। उसने धीरे से झील से कुछ पानी निकाला और अपने दोस्त के पास वापस लौट आया।
जिन्न ने क्या गलती की और क्या वह हमेशा उनके साथ रहा, यह जानने के लिए पॉडकास्ट सुनें
दोनों बकरियां घास को खाकर खुश रहती थी।
लेकिन उसे अपनी लंबी पूंछ पर बहुत गर्व था। अपनी लंबी लंबी पूंछ के कारण, वह कभी अपने पड़ोसियों के पास नहीं जा सका। वह केवल बड़े घरों और पैसे वाले लोगों से मिलने जाता था। उसके घमण्ड के कारण उसके पड़ोसी उसे नापसंद करने लगे। वे पीठ पीछे मोर का मजाक उड़ाते थे। एक दिन उन्होंने उस से मज़ाक करने का करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि एक बर्ड क्लब बनाया गया है और सभी पक्षियों ने मोर को अपना नेता